क़ुरआन को छोड़ देने के 11 आसान तरीके
कैसे लोगों को क़ुरआन से दूर किया जाता है:
1- तुम क़ुरआन को खुद नहीं समझ सकते, तुम्हे एक "सही" आलिम के पास जाकर ही सीखना पड़ेगा ।
2- तुम्हें क़ुरआन को सिर्फ और सिर्फ ऐसे ही समझना पड़ेगा जैसे सलफुस्सालिहीन [मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह स० के बाद की पहली तीन पीढ़ियों] ने समझा, तुम ऐसा कोई मतलब अखज़ नहीं कर सकते (नहीं निकाल सकते) जो सलफुस्सालिहीन से साबित न हो ।
3- तुम्हें क़ुरआन को समझना है तो इस के लिए तुम्हारे पास 15-20 तरीके के उलूम (इल्म) होने ज़रूरी हैं ।
4- क्या तुम अरबी जानते हो ? अगर नहीं - तो तुम्हें क़ुरआन की आयात का मतलब निकालने का कोई हक़ नहीं ।
5- अगर तुमने क़ुरआन की आयात का कोई ऐसा मतलब निकाला जो सलफुस्सालिहीन से साबित नहीं है तो तुम गुमराह हो ।
6- तुम गौरो-फिक्र (रीज़निंग) और तर्क (लॉजिक) का इस्तेमाल करके क़ुरआन को नहीं समझ सकते ।
7- तुम्हें क़ुरआन की आयात का शान-ए-नुज़ूल और असबाब-ए-नुज़ूल पता होना चाहिए - इसके बिना तुम क़ुरआन को नहीं समझ सकते ।
8- तुम्हें क़ुरआन की तफसीर सिर्फ किसी पुराने (शुरुवाती दौर के) आलिम (जैसे कि इब्ने कसीर) की तरह ही करनी चाहिए ।
9- तुम्हें पता होना चाहिए कि कौन सी आयात मंसूख हो चुकी हैं, वरना तुम सही तरह नहीं समझ पाओगे ।
10- बिना हदीस के - तुम क़ुरआन को नहीं समझ सकते, इसलिए क़ुरआन की आयात को समझने से पहले तुम्हें उससे जुड़ी हदीसें पता होनी चाहिए ।
11- तुम्हारा पहनावा और रूप-रंग (लुक) "इस्लामिक" नहीं है - अरे ! फिर तुम क़ुरआन को कैसे समझ सकते हो ?
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