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कुन फ़यक़ून का मतलब

 कुन फ़यक़ून का मतलब खुर्शीद इमाम ********************************* क़ुरान में "कुन फ़यक़ून" का मतलब: परिचय: क़ुरान में 8 स्थानों पर "कुन फ़यक़ून" का उल्लेख किया गया है, जिसका अर्थ है, "हो जाओ! और वह हो जाता है।" इसे अक्सर यह समझा जाता है कि अल्लाह किसी चीज़ को तुरंत  कर देते हैं। लेकिन गहराई से समझने पर पता चलता है कि यह प्रकिया के तहत होने की बात करता है, जो अल्लाह के तयशुदा क़ानूनों के अनुसार होती है। उदाहरण: A. "कुन फ़यक़ून" और आसमानों व ज़मीन की रचना: आयत: "بَدِيعُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَإِذَا قَضَى أَمْرًا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُ كُنْ فَيَكُونُ" (क़ुरान 2:117) यह आयत आसमानों और ज़मीन की रचना के बारे में है। क़ुरान में कहा गया है कि यह रचना छह यौम (समय-अवधियों) में पूरी हुई (क़ुरान 10:3, 25:59)। इसका मतलब यह है कि ब्रह्मांड की रचना एक लंबी प्रक्रिया से होकर गुज़री। यहाँ "कुन फ़यक़ून" का मतलब यह है कि ब्रह्मांड अल्लाह के तयशुदा क़ानूनों और समयावधियों के मुताबिक बना। B. "कुन फ़यक़ून" और ईसा (अ.स.) का जन्म...

ईशदूत मुहम्मद साहब का हिंद के प्रति व्यवहार

ईशदूत  मुहम्मद  साहब  का हिंद के प्रति व्यवहार ****************************************** हिंद बिनत उतबा वास्तव में ईशदूत मुहम्मद साहब और उनके मिशन की प्रमुख दुश्मनों में से एक थीं, विशेष रूप से इस्लाम के शुरुआती वर्षों में। उन्होंने ईशदूत मुहम्मद के विरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और युद्ध-ए-उहुद के दौरान उनके चाचा हज़रत हम्जा (RA) की निर्मम हत्या में भी उनका हाथ था। हज़रत हम्जा को एक एथियोपियाई गुलाम ने मारा था, और हिंद ने इस हत्या को उकसाया था। उन्होंने हज़रत हम्जा के शव को भी अपवित्र किया, जिससे उनके खिलाफ दुश्मनी और बढ़ गई। जब ईशदूत मुहम्मद साहबऔर उनके अनुयायी अंततः मक्का पर विजय प्राप्त करते हैं, तो उन सभी को डर था जो इस्लाम के विरोधी थे, और यह उम्मीद की जा रही थी कि हिंद को उनके अपराधों के लिए सजा दी जाएगी, जिसमें हज़रत हम्जा की हत्या में उनकी भूमिका भी शामिल थी। हालांकि, जब ईशदूत मुहम्मद साहब मक्का में प्रवेश करते हैं, तो उन्होंने उन सभी को माफ कर दिया जो उनके विरोधी थे, जिसमें हिंद भी शामिल थी। यह माफी ईशदूत की व्यापक शिक्षा के अनुरूप थी, जिसमें दया और महानता क...